महासागर और जीवजंतु (ocean and animals)

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महासागर और जीवजंतु(ocean and animals)




अंतरिक्ष से देखने पर हमारी पृथ्वी नीली रंग की दिखाई देती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया का 71 फीसदी क्षेत्रफल जल से ढंका हुआ है जो कि महासागरों में विद्यमान है। यानी पृथ्वी के कुल जल का 97 फीसदी भाग महासागरों का ही है बाकी तीन फीसदी नदियों, नहरों और तालाबों में समाहित है जो कि पीने योग्य होता है। इसी 71 फीसदी इलाके में हमारे गृह पृथ्वी के पांच महासागर हैं। जिसमें प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर, आर्कटिक महासागर और अंटार्कटिका महासागर शामिल हैं। इसमें आर्कटिक उत्तरी ध्रुव पर है और अंटार्कटिका दक्षिण ध्रुव को घेरे हुए हैं। इन सभी महासागरों के क्षेत्रफल पर नजर दौड़ाएं तो इन सबमें प्रशांत महासागर सबसे बड़ा है और तकरीबन सभी महासागरों को मिलाकर 50 फीसदी क्षेत्रफल में फैला हुआ है, इसका इलाका उत्तरी और दक्षिण अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक की पृथ्वी की सतह को घेरे हुए है जबकि अटलांटिक महासागर अमेरिका और यूरोप-अफ्रीका महाद्वीप के बीच में है वहीं हिंद महासागर अफ्रीका, भारत के दक्षिण हिस्से और ऑस्ट्रेलिया के बीच के हिस्से को घेरे हुए है। वहीं उत्तर ध्रुव पर स्थित आर्कटिक महासागर सबसे छोटा महासागर है। इन सभी महासागरों का कुल क्षेत्रफल करीब 36 करोड़ वर्ग किलोमीटर है जबकि पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल करीब 51 करोड़ वर्ग किलोमीटर है।

महासागरों का पानी यूं तो खारा होता है लेकिन वैज्ञानिकों ने अपने शोधों के बाद उस पानी को भी पीने लायक बना दिया है। महासागरों में रहने वाले जीव-जंतु और इसमें पनपने वाली वनस्पति भी इन्हीं विशालकाय जलीय पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पृथ्वी पर पाए जाने वाला सबसे बड़ा स्तनपायी जीव व्हेल मछली के रुप में इन्हीं महासागरों में ही निवास करती है।

समंदर की गहाराईयों में अभी भी ऐसी कई वनस्पतियां और जीव हैं जिनके बारे में कम ही जानकारी हो पाई है। लेकिन महासागरों में बसने वाले जीवन को भी संरक्षित और सुरक्षित रखने का दायित्व इस ग्रह पर बसे सभी करीब 800 करोड़ लोगों का है और इसी दायित्व के प्रति जागरुकता फैलाने का कार्य हर वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस के रुप में किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तय किए गए इस दिन पर समुद्र में रहने वाले जीवों और वनस्पतियों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया जाता है। इसमें ऐसे कई जीव है जैसे कई तरह की मछलियां, झींगा, केकड़े आदि जो कि इंसानी भोजन के रुप में खाए भी जाते हैं। साथ ही समंदर में जिस तरह की जैव विविधता पाई जाती है, उसे पृथ्वी के पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी चिंता से जुड़ी इस वर्ष की थीम भी रखी गई है जिसमें महासागरों का पुनर्रुद्धार करने पर जोर दिया गया है साथ ही इसके लिए सामूहिक प्रयास करने को भी जरूरी माना गया है।  
पिछले 15 वर्षों से लगातार 8 जून को महासागरों से जुड़ा ये अति महत्वपूर्ण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास के 17 लक्ष्यों में से 14वें लक्ष्य में भी पानी के नीचे बसे जीवन और समुद्रीय और महासागरीय संसाधनों का संरक्षण और उपयोग को रेखांकित किया गया है। खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी महासागरों के संरक्षण और उनमें होने वाले प्रदूषण से जुड़े हैं जो पूरी मानव जाति के लिए अहम है।

 


महासागर एक विशाल आरामदायक जलमय स्थल है जो पृथ्वी की सतह पर स्थित है। महासागरों की विशेषता यह है कि वे महान जलाशय होते हैं जो एक से अधिक समुद्री बांध और उनके संगठन से मिलकर बनते हैं। पृथ्वी पर पांच मुख्य महासागर हैं: आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर, भूमध्य महासागर, भूमंडल महासागर और अंटार्कटिक महासागर।

महासागरों में जीवन का अस्तित्व मायने रखता है और ये विशेष जीवजंतु और पौधों के लिए महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करते हैं। इनमें कई प्रकार के मछलियां, उड़ने वाले पक्षी, समुद्री सांप, जेलीफिश, कोरल रीफ और अन्य संरचनाएं शामिल होती हैं। ये सामुदायिक जीवन का घर होते हैं और उनके आवास, खाद्य और सुरक्षा के स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण होते हैं।

महासागरों के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मौसम, मिट्टी, पानी की गहराई और वातावरण के प्रभाव से अलग-अलग प्रकार की जीवजंतु जनसंख्या पाई जाती है। महासागर का महत्व भी उनके उपयोग से संबंधित होता है। ये सागर जलयान, वाणिज्यिक परमाणु और खनिज संसाधनों के लिए उपयोगी होते हैं, साथ ही उनमें पाए जाने वाले संचार केबल, विद्युत उत्पादन, मौसमी पूर्वानुमान और तापमान नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

महासागरों की संरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि ये पर्यावरणीय और जीवाणु विपरीत प्रभावों से प्रभावित हो सकते हैं। जलवायु परिवर्तन, उच्च प्रदूषण स्तर, अतिरिक्त मात्रा में मछली पकड़ और जहाजों से होने वाली तकनीकी दुर्घटनाएं महासागरों को क्षति पहुंचा सकती हैं। इसलिए, समुद्री पारितंत्र की रचना और संरक्षण अभियान आवश्यक हैं ताकि हम समुद्री पर्यावरण को संरक्षित रख सकें और महासागरों से जुड़े सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय सततता बनाए रख सकें।



The Earth’s oceans contain about 97% of the planet’s water, much of which is saline water. There are five major oceans on Earth, namely Pacific, Indian, Atlantic, Arctic, and the Southern Ocean. Because the oceans are a major component of the planet’s hydrosphere, they are an important part of life and also influences the world’s weather patterns and climate. The oceans are home to about 230,000 known species. However, because only 5% of the oceans have been explored, the total number of species existing in these oceans could be over two million. These species have special adaptations and live at different depths of the ocean with the majority found on the ocean floor. Here are some of the animals that are found in the ocean
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